Saturday, March 10, 2018

=> क्या है ‘यूथनेशिया’ ?



- जब कोई मरीज बहुत ज्यादा पीड़ा से गुजर रहा होता है या उसे ऐसी कोई बीमारी होती है जाे ठीक नहीं हो सकती और जिसमें हर दिन मरीज मौत जैसी स्थिति से गुजरता है तो उन मामलों में कुछ देशों में इच्छा मृत्यु दी जाती है.

- बेल्जियम, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड और लक्जमबर्ग में Euthanasia (दया या इच्छामृत्यु) की इजाजत है. अमेरिका के सिर्फ 5 राज्यों में ही इसकी इजाजत है.

- भारत में यह मुद्दा विवादास्पद है. धार्मिक वजहों से लोग ये मानते हैं कि किसी को इच्छामृत्यु की इजाजत देना ईश्वर के खिलाफ जाने के समान है. मरीज के परिवार के लोग भी इसे लेकर सहज नहीं रहते. यह उम्मीद भी रहती है कि मरीज किसी दिन अपनी बीमारी से बाहर आ जाएगा.

- यूथेनेशिया के दो मुख्य तरीके हैं. पहला ऐक्टिव यूथेनेशिया, इसमें गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीज को घातक पदार्थ देना शुरू किया जाता है, जिससे वह जल्द ही मर जाता है. पैसिव यूथेनेशिया वह तरीका है जिसमें मरीज को वे चीजें देना बंद कर दिया जाता है जिसपर वह जिंदा होता है.

Wednesday, March 7, 2018

🎎पोंगाला उत्सव (PONGALA Festival)🎎




पोंगाला दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख महोत्सव है जिसे केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम स्थित अट्टकल भगवती मंदिर में धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष उत्सव 2 मार्च से शुरू हुआ था।

प्रमुख बिंदु

दस दिनों तक चलने वाला पोंगाला उत्सव मलयालम महीने ‘मकरम-कुंभम’ के अनुसार शुरू होता है।
पोंगाला इस उत्सव पर बनाई जाने वाली एक खिचड़ी को कहा जाता है जिसे चावल, गुड़ और नारियल से बनाया जाता है।
इस उत्सव में अधिकतर महिलाएँ ही सम्मिलित होती हैं। इसलिये इस मंदिर को महिलाओं का सबरीमाला भी कहा जाता हैं।
2009 में इस उत्सव को महिलाओं की सबसे बड़ी धार्मिक भागीदारी के चलते गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी शामिल किया गया था। 
इस उत्सव में 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों द्वारा ‘कुथियोट्टम’ नामक एक पारंपरिक नृत्य भी किया जाता है। हाल ही में केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा इस मामलें का स्वत: संज्ञान लेने पर यह चर्चा में रहा।
स्थानीय पौराणिक कथाओं के अनुसार पोंगाला त्योहार तमिल महाकाव्य 'सिलप्पादिकारम’ (Silappadhikaram) की नायिका कन्नगी की स्मृति में मनाया जाता है जिसने अपने पति कोवलन के साथ हुए अन्याय का बदला लेने के लिये मदुरई शहर को शाप देकर नष्ट कर दिया था।




Tuesday, March 6, 2018

🔻महात्मा गाँधी द्वारा चलाये गये आंदोलन🔻


TRICK—— चम्पा खेड़ा के अहम के खिलाफ असहयोगी डंडे से वी भागे नहीं


 चम्पा ===>चम्पारन सत्याग्रह,बिहार में (1917,नील की खेती हेतु)


खेड़ा ===>खेड़ा सत्याग्रह,गुजरात में (1918,लगान वृद्धि की समाप्ति हेतु)


के ===>silent
अहम ===>अहमदाबाद अनशन (1918,अहमदाबाद मिल के क्रमचारी हेतु)


के ===>silent
खिलाफ===>खिलाफत आंदोलन (1919,खलीफा की सत्ता स्थापना हेतु)


असहयोगी ===>असहयोग आंदोलन (1920,स्वराज्य हेतु)


डंडे===>डंडी मार्च (1930,नमक कानून तोड़ने हेतु)


से===>सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930,पूर्ण स्वराज्य हेतु)


वी===>व्यक्तिगत सविनय अवज्ञा आंदोलन (1940,पूर्ण स्वराज्य हेतु)


भागे===>भारत छोड़ो (1942,अंग्रेजो के शासन की समाप्ति हेतु)


नहीं===>नोआखाली सत्याग्रह (1946,सांप्रदायिक सद्भावना हेतु)



Monday, March 5, 2018




🛳पश्चिम लहर (XPL-18) अभ्‍यास🛳


पश्चिमी नौसेना कमांड ने भारतीय पश्चिमी तट पर ‘पश्चिम लहर’ (एक्‍सपीएल-18) नामक विशाल सामरिक अभ्‍यास पूरा किया। यह अभ्यास 12 फरवरी को शुरू हुआ था।

प्रमुख बिंदु

अरब सागर में चले इस तीन सप्‍ताह लंबे अभ्‍यास के दौरान पश्चिमी नौसेना कमांड की सामरिक तैयारी का परीक्षण तथा इसकी परिचालन संबंधी योजनाओं का प्रदर्शन किया गया।
40 से भी अधिक नौसैनिक परिसम्‍पत्तियाँ जिनमें वायुयान वाहक INS विक्रमादित्‍य, पश्चिमी तथा पूर्वी बेड़ों के अग्रिम पंक्ति के जहाज (हाल ही में शामिल कोलकाता श्रेणी सहित), पनडुब्बियाँ, 22वीं किलर स्क्वाड्रन के मिसाइल जलयान, पेट्रोल जलयान तथा भारतीय तटरक्षक ने भी इस अभ्‍यास में भाग लिया।
इस अभ्‍यास के दौरान भारतीय वायुसेना के हवाई जहाज़ों ने भारतीय नेवी के हवाई जहाज़ों के साथ समन्वित उड़ान अभियान में भी बढ़-चढ़ कर भागीदारी की।
गुजरात, महाराष्‍ट्र तथा उत्‍तर भारत के विभिन्‍न हवाई स्‍थलों से भारी संख्‍या में मेरीटाइम रोल जेगुआर, एसयू-30 एमकेआई, अवाक्‍स, फ्लाइट रिफ्यूलर्स ने भाग लिया।
इस अभ्‍यास से पश्चिमी नौसैनिक कमांड के परिचालन, तार्किक तथा प्रशासनिक योजनाओं में और सुधार करने में मदद मिलेगी।





UNEP की रिपोर्ट में स्थान पाने वाला एकमात्र भारतीय संस्थान



तिरुवनंतपुरम (केरल) में अवस्थित ऊर्जा प्रबंधन केंद्र (Energy Management Centre-EMC) ऊर्जा दक्षता के लिये संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा विश्वभर की पाँच अन्य परियोजनाओं के साथ मान्यता प्राप्त करने वाला एकमात्र भारतीय प्रोजेक्ट है।

प्रमुख बिंदु

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (United Nations Environment Programme-UNEP) द्वारा प्रकाशित ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट 2017: Towards a Zero-Emission, Efficient and Resilient Buildings and Construction Sector में EMC परिसर को भवनों में ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकियों की तैनाती में सराहनीय कार्य के लिये स्थान मिला है।
ग्लोबल एन्वारन्मेंट फंड (Global Environment Fund) की सहायता से निर्मित EMC कैंपस केरल के सरकारी क्षेत्र में केवल एकमात्र LEED गोल्ड प्रमाणित भवन है।
Leadership in Energy and Environmental Design (LEED) संयुक्त राज्य ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल द्वारा भवनों के पर्यावरणीय प्रदर्शन का मूल्यांकन करने और भवनों के टिकाऊ डिज़ाइन की दिशा में प्रयासों को आगे बढ़ाने हेतु निर्मित एक भवन रेटिंग प्रणाली है। LEED गोल्ड के बाद सर्वश्रेष्ठ रेटिंग LEED प्लेटिनम है।
ऊर्जा-दक्ष EMC परिसर डे-लाइटिंग नियंत्रक, सीएफसी मुक्त हीटिंग, हैलोजन रहित अग्निशमन प्रणाली, उच्च-एल्बिडो पेंटिंग जैसी विशेषताओं से युक्त है। इस भवन के बिल्ट-अप स्पेस का 94% एरिया सूर्य की रोशनी से प्रकाशित होता है।
प्रधानमंत्री उज्‍ज्‍वला योजना



1 मई, 2016 को श्रमिक दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शुरुआत की गई।

उद्देश्य

इस योजना का उद्देश्य अगले तीन वर्षो में गरीबी रेखा से नीचे के पाँच करोड़ बीपीएल (Below Poverty Line-BPL) महिलाओं को रसोई गैस का कनेक्शन प्रदान करना है। हालाँकि हाल ही में पेश केंद्रीय बजट में इस लक्ष्य को 5 करोड़ से बढ़ाकर 8 करोड़ करने का प्रस्ताव किया गया है।
प्रमुख बिंदु

इस योजना को तीन साल (2019) में पूरा करने का लक्ष्य तय किया जाएगा।
इस योजना के तहत केंद्र सरकार पात्र बीपीएल परिवारों को एलपीजी कनेक्शन के लिये 1,600 रुपए की वित्तीय सहायता देगी।
योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन परिवारों की महिलाओं को नाम पर दिया जाएगा।
सरकार गैस स्टोव प्रदान करने और सिलेंडर भरवाने की लागत को पूरा करने के लिये ईएमआई की सुविधा भी प्रदान करेगी।
इस योजना को भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत चलाया जाएगा।
केंद्र सरकार पात्र बीपीएल परिवारों की पहचान राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के परामर्श से करेगी।
वर्तमान में देश में 16.64 करोड़ सक्रिय एलपीजी उपभोक्ता हैं और इनमें से अधिकांश शहरी एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं। गरीब परिवारों तक स्वच्छ ईंधन (एलपीजी) की पहुँच सीमित है।
4 दिसंबर, 2017 को 3.2 करोड़ से अधिक बीपीएल महिलाओं को नए एलपीजी कनेक्‍शन दिये जा चुके हैं।  इनमें से 30.5 प्रतिशत और 13.3 प्रतिशत कनेक्‍शन क्रमश: अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के वर्गों को दिये गए हैं।