पोंगाला दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख महोत्सव है जिसे केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम स्थित अट्टकल भगवती मंदिर में धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष उत्सव 2 मार्च से शुरू हुआ था।
प्रमुख बिंदु
दस दिनों तक चलने वाला पोंगाला उत्सव मलयालम महीने ‘मकरम-कुंभम’ के अनुसार शुरू होता है।
पोंगाला इस उत्सव पर बनाई जाने वाली एक खिचड़ी को कहा जाता है जिसे चावल, गुड़ और नारियल से बनाया जाता है।
इस उत्सव में अधिकतर महिलाएँ ही सम्मिलित होती हैं। इसलिये इस मंदिर को महिलाओं का सबरीमाला भी कहा जाता हैं।
2009 में इस उत्सव को महिलाओं की सबसे बड़ी धार्मिक भागीदारी के चलते गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी शामिल किया गया था।
इस उत्सव में 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों द्वारा ‘कुथियोट्टम’ नामक एक पारंपरिक नृत्य भी किया जाता है। हाल ही में केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा इस मामलें का स्वत: संज्ञान लेने पर यह चर्चा में रहा।
स्थानीय पौराणिक कथाओं के अनुसार पोंगाला त्योहार तमिल महाकाव्य 'सिलप्पादिकारम’ (Silappadhikaram) की नायिका कन्नगी की स्मृति में मनाया जाता है जिसने अपने पति कोवलन के साथ हुए अन्याय का बदला लेने के लिये मदुरई शहर को शाप देकर नष्ट कर दिया था।